रोग प्रतिरोधक क्षमता क्या है, इसे कैसे बढ़ाएं
हमारे मानव शरीर में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो बैक्टीरिया और संक्रमण जैसे खतरों से हमें सुरक्षित रखते हैं , जैसे कि :- प्रतिरक्षा प्रणाली में अंग कोशिकाएं , टिशू और प्रोटीन इत्यादि आवश्यक पोषक तत्व मौजूद रहते हैं । इन्हीं सभी आवश्यक पोषक तत्वों की वजह से ही मानवी शरीर स्वस्थ और सेहतमंद रहता है। जब कोई भी व्यक्ति स्वस्थ और सेहतमंद रहता है , तो उसे किसी भी प्रकार की बीमारी का खतरा नहीं होता क्योंकि वह स्वयं छोटी-मोटी बीमारियों से लड़ने की क्षमता रखता है।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता के कम हो जाने के प्रमुख लक्षण क्या हो सकते हैं ?
जिस प्रकार मानवी शरीर को सभी आवश्यक एवं जरूरतमंद खाद्य पदार्थों की आवश्यकता होती है , उसी प्रकार से एक स्वस्थ और निरोग मनुष्य को बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी अच्छा होना जरूरी है। किसी मनुष्य के अंदर उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है , तो यह उसके लिए बहुत ही चिंता का विषय बन जाता है। जिस प्रकार से मनुष्य के अंदर किसी बीमारी के अनेक लक्षण दिखाई देते हैं उसी प्रकार से रोग प्रतिरोधक कम होने के भी कुछ प्रमुख लक्षण होते हैं , जो इस प्रकार से निम्नलिखित हैं –
- तनाव महसूस होना
- अधिक सर्दी लगना
- पेट संबंधी परेशानियां होना
- चोट को ठीक होने में अत्यधिक समय लगना
- किसी भी प्रकार का संक्रमण होना
- अत्यधिक कमजोरी महसूस होना
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के घरेलू नुस्खे
प्राचीन काल से ही हमारी चिकित्सा प्रणाली में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। हमारे घरों में ही कुछ ऐसी मौजूद होती है , जिनके सेवन से हम अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बड़ी ही आसानी से बढ़ा सकते हैं। आज ऐसा समय चल रहा है कि लगभग सभी लोगों को अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना अति आवश्यक है। आइए जानते हैं , कि किन चीजों का सेवन करके आप बड़ी ही आसानी से प्राकृतिक रूप में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
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प्राकृतिक काढ़े का सेवन:- हमारे घरों में कुछ ऐसे प्राकृतिक रूप से मसाले मौजूद होते हैं , जिनका यदि हम काढ़े के रूप में सेवन करें तो हम अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बड़ी ही आसानी से बढ़ा सकते हैं। आप काढ़े के रूप में काली मिर्च , मेथी दाना , हल्दी , अदरक , दालचीनी , इलाइची और लौंग इत्यादि प्राकृतिक मसाले का सेवन आप काढ़े में कर सकते हैं। बताए गए इन सभी प्राकृतिक मसालों में आपको एंटीऑक्सीडेंट तत्व मौजूद मिलता है , जिनके कारण मानवीय शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का प्राकृतिक रूप में विकास होता है।
विटामिन – सी युक्त चीजों का करें सेवन :- विटामिन सी के सेवन से हमारे शरीर के हड्डियों को मजबूत करने के अतिरिक्त माननीय शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में काफी हद तक हमारी सहायता करता है। विटामिन सी के रूप में आप शिमला मिर्च , आंवला , पपीता , संतरा और अमरूद जैसी प्राकृतिक चीजों का सेवन कर सकते हैं , क्योंकि इसमें आपको भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट तत्व मौजूद मिलता है , जो आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होता है।
तुलसी के सेवन से बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता :- जैसा कि दोस्तों हमारे हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का अपना एक धार्मिक महत्व होता है और सभी हिंदू लोग तुलसी के पौधे की पूजा – अर्चना भी करते हैं। तुलसी के पौधे की यही तक ही इसकी महत्वता सीमित नहीं है । तुलसी का पौधा एक ऐसा पौधा है , जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने में काफी कारगर है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आप प्रतिदिन प्रातः काल एक चम्मच तुलसी के रस का सेवन करें । इसके अतिरिक्त आप तुलसी के रस में आप एक चम्मच शहद और तीन चार काली मिर्च के दाने को मिलाकर सेवन कर सकते हैं । इससे आपका रोग प्रतिरोधक क्षमता यदि कम हुआ होगा , तो वह धीरे-धीरे प्राकृतिक रूप में विकसित होने लगेगा।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए करें कुछ पेय पदार्थ का सेवन :-आप सभी लोगों ने तो चोट लगने के बाद हल्दी के दूध का सेवन तो किया ही होगा। ठीक उसी प्रकार आप हल्दी के दूध का या फिर हल्दी के चाय का सेवन करके आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं । हल्दी के चाय का सेवन आप जब भी भोजन करें उसके बाद आसानी से कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त यदि आप चाहें तो ग्रीन – टी के साथ – साथ अन्य प्रकार के प्राकृतिक मसालों का जैसे की काली मिर्च , अदरक , दालचीनी , लौंग इत्यादि का सेवन कर सकते हैं। इस प्रकार आप दो अलग-अलग पोषक तत्वों का सेवन कर सकते हैं।इन सभी प्राकृतिक मसालों में आपको फ्लेवोनॉयड नामक पोषक तत्व मौजूद होता है , जिसके वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता मैं बढ़ोतरी होती है।
हर रोज एक्सरसाइज करके बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता :- सभी आवश्यक पोषक तत्वों के अतिरिक्त आप अपने दिनचर्या में प्रतिदिन एक्सरसाइज करके भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित कर सकते हैं। आपने देखा होगा कि अक्सर जो व्यक्ति एक्सरसाइज करता है उसका स्वास्थ्य अन्य व्यक्ति के मुकाबले में काफी बेहतर और हास्ट – पुस्ट रहता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रतिदिन एक्सरसाइज करके भी बढ़ाया जा सकता है।
लहसुन के सेवन से बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता :- लहसुन का प्रयोग हम अपने किचन में किसी भी खाने के पदार्थ को स्वाद में लाने के लिए करते हैं। लहसुन के अंदर आपको भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स मिलता है। जिस भी चीज में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अच्छी होगी , वे सभी चीजें रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने में सहायक होती है। लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट के अतिरिक्त आपको एल्सिन नामक एक ऐसा पोषक तत्व मौजूद मिलता है , जो आपके शरीर को कई प्रकार के संक्रमण से और बैक्टीरिया से बचाता है। यदि हम लहसुन का प्रयोग अपने खाने मैं करते हैं , तो इसे कैंसर और अल्सर जैसे बड़े रोगों से हमें खुद को बचाने के लिए आता प्रदान करता है।
ऐसे फल जो बढ़ाएं आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता :– हमारे पृथ्वी ग्रह पर फलों के अनेकों प्रजातियां मौजूद हैं। ऐसे ही कुछ फल होते हैं , जो आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ आपके शरीर में मौजूद सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में भी बढ़ोतरी करने का कार्य करते हैं। आपको संतरा, नींबू , चकोतरा , कीनू , कीवी ऐसे फल मिल जाएंगे जो स्वाद में खट्टे होते हैं , परंतु इनके अंदर अच्छी मात्रा में विटामिन सी की मौजूदा होती है। जिन फलों का स्वाद अत्यधिक खट्टा होता है उन सभी फलों में आपको अच्छी मात्रा में विटामिन सी मिलता है , जिसकी वजह से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली में बढ़ोतरी होती है। इन सभी फलों को आप अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं और खुद को रोगों से लड़ने में सक्षम बना सकते हैं।
अदरक के सेवन से बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता :– हम अपने सुबह की शुरुआत चाय के साथ सकते हैं। चाय में स्वाद का तड़का लगाने के लिए हम अक्सर अदरक का इस्तेमाल करते हैं। मगर क्या आपको पता है , कि अदरक में एंटीवायरल तत्व मौजूद होते हैं , जो आप को अनेकों बीमारियों से सुरक्षित रखते हैं। यदि आप चाहें तो अदरक के साथ में सैफ या फिर शहद का सेवन कर सकते हैं। ऐसा करने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में विकास होता है।
विटामिन – डी से भरे पोषक तत्वों का करें सेवन :– विटामिन डी को अपने शरीर में अवशोषित करने के लिए आप सूर्य के प्रकाश का सहारा ले सकते हैं। मगर इसके अतिरिक्त आप सालमन मछली या दूध का सेवन कर सकते हैं। इन दोनों के अंदर आप तो विटामिन डी भरपूर मात्रा में मिलता है , जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा मिलता है।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान ?
- बचपन में ही अपने बच्चों को आप फ्लू नामक वैक्सीन को अवश्य लगवाएं। यदि आप बचपन में ही अपने बच्चों को इस वैक्सीन को लगवा लेंगे , तो उन्हें कभी भी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी नहीं होगी। यदि आपने अभी तक नहीं लगवाया है , तो समय अभी भी है , आप इसे लगवा सकते हैं।
- अत्यधिक दवाइयों के सेवन से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट आ जाती है। यही कारण है , कि आप किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से किसी भी प्रकार की दवा की सलाह लेकर ही उसका प्रयोग करें। छोटी-छोटी परेशानियां होने पर आप अपनी मर्जी से किसी भी दवा का सेवन ना करें।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आप पर्याप्त नींद भी ले सकते हैं। नींद आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बैलेंस करने में सहायता करती हैं।
हम किसी भी प्रकार का आपको घर पर उपचार करने का सलाह नहीं देते हैं।किसी भी प्रकार के घरेलू उपचार को करने से पहले आप किसी भी चिकित्सक से अवश्य सलाह लें।
आज जो कोरोना वायरस का समय चल रहा है , ऐसे ही परिस्थितियों में आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखना आवश्यक है। आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए बताए गए कुछ घरेलू उपायों को अपना सकते हैं। बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता ही हमें अनेकों प्रकार के वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की शक्ति को प्रदान करता है।